जयपुर । प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए चांसलर (कुलाधिपति ) और वाइस चांसलर (कुलपति) पदनाम लिखी निजी यूनिवर्सिटी की डिग्रियों को प्रमाणित करने से मना कर दिया है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटी ने डिग्री पर चेयरपर्सन और प्रेसीडेंट छपवाना शुरू कर दिया है, जिससे छात्र-छात्राओं को अपनी डिग्री को उच्च शिक्षा विभाग से प्रमाणित करवाने में कोई दिक्कत नहीं हो।
आपको बता दें कि प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजहंस उपाध्याय ने एक आदेश जारी करके निजी यूनिवर्सिटी की चांसलर (कुलाधिपति ) और वाइस चांसलर (कुलपति) के पदनाम पर हस्ताक्षर युक्त डिग्रियों को प्रमाणित करने पर रोक लगा दी थी। इस खबर को खास खबर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव के इस आदेश के बाद निजी यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को दिक्कत आने लगी। छात्र-छात्राओं की दिक्कतों को देखते हुए कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटी के संचालकों ने डिग्रियों को दोबारा छपवाया और डिग्री पर विश्वविद्यालय एक्ट के प्रावधानों के तहत चेयरपर्सन और प्रेसीडेंट के पदनाम पर ही हस्ताक्षर करवाए। Rajasthan news in hindi
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. नाथू लाल सुमन के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग निजी यूनिवर्सिटी की उन डिग्रियों को प्रमाणित नहीं कर रहा है, जिन डिग्रियों पर चांसलर और वाइस चांसलर पदनाम लिखा हुआ है।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग इस तरह की डिग्रियों को दोबारा संबंधित निजी विश्वविद्यालयों को भेज रहा है ।
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