Thursday 31 August 2017

नींबू का यह तंत्र-मंत्र दिलाएगा नौकरी, रोजगार और धंधा

तंत्र शास्त्र की भाषा में नींबू में वो खास ताकत है जो ग्रहों के प्रभावों को भी अनुकूल बना सकता है। तंत्र के अनुसार नींबू को अगर खास तरीके काम लिया जाए तो नौकरी सहित कई तरह की समस्याओं से निजात मिल सकती है।
एक नींबू के ऊपर चार लौंग गाड़ दें और ॐ श्री हनुमते नम: मंत्र का 108 बार जप करके नींबू को अपने साथ लेकर जाएं। आपको नौकरी, रोजगार के कोई घाटे नहीं रहेंगे। एक दागरहित बड़ा नींबू लें और चौराहे पर बारह बजे से पहले जाकर उसके चार हिस्से कर लें और चारों दिशाओं में दूर-दूर फेंक दें। बेरोजगारी की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।
किसी भी प्रतिष्ठा न के आगे हरी मिर्च के साथ एक नींबू टांगें। जिस तरह एक प्याज टांगने से वह आसपास की गर्मी सोख लेता है उसी तरह नींबू बुरी नजर को सोख लेता है। नींबू का खट्टा और मिर्च का तीखा स्वाद बुरी नजर वाले व्यक्ति की एकाग्रता भंग कर देता है। जिससे वह अधिक समय पर घर या दुकान को नहीं देख पाता है।
कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ एक नींबू एवं 4 लौंग लेकर जाएं। इसके बाद मंदिर में पहुंचकर नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमानजी के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और नींबू लेकर कार्य प्रारंभ कर दें। इससे आपके कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाएंगी।
यदि किसी बच्चे को या बड़े इंसान को किसी की बुरी नजर लग गई है तो उसके सिर के उपर से पैर तक सात बार नींबू वार लें। इसके बाद इस नींबू के चार टुकड़े करके किसी सुनसान स्थान पर या किसी तिराहे पर फेंक दें। नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद पीछे न देखें। जिस घर में नींबू का पेड़ होता है वहां किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रीय नहीं हो पाती है।
अपना भाग्य चमकाने के लिए एक नींबू लें और उसको अपने सिर के उपर से सात बार वार कर उसके दो टुकड़ें करें। बाएं हाथ का टुकड़ा दाईं तरफ अर दाएं हाथ का टुकड़ा बाईं तरफ फेंक दें।
यदि घर में कोई व्यक्ति या बच्चा रोगग्रस्त है तो शनिवार को एक नींबू लेकर रोगी के सिर से 7 बार उल्टा घुमाएं। फिर एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करते हुए नींबू को बीच से काट दें। दोनों टुकड़े दो दिशा में संध्या समय फैंक दें। यह टोटका किसी जानकार से पूछकर करेंगे तो अच्छा होगा। क्योंकि इसमें समय का विशेष महत्व होता है।

हिन्दी सिनेमा के 15 पात्र, जिन्होंने दिए कुछ गंभीर जीवन लक्ष्य

सिनेमा अभिव्यक्ति का वो माध्यम है जो दर्शकों पर अपनी गहरी छाप छोडता है। कई बार कथाकार अपनी कलम से ऐसे पात्रों की रचना कर देते हैं जो दर्शकों के दिमाग में एक अमिट छाप छोड देते हैं। फिल्म के पात्रों का दर्शकों के साथ सीधा संबंध होता है और दर्शक फिल्म देखने के बाद उन भूमिकाओं को याद करते हुए सिनेमाघरों से बाहर निकलता है। 100 साल से ज्यादा पुराने भारतीय सिनेमा इतिहास में यूं तो कई ऐसे किरदार हैं जिन्हें दर्शक भूल नहीं पाये हैं लेकिन हम आज आपको 15 ऐसे पात्रों की याद दिलाना चाहेंगे जिन्होंने दर्शकों को जीवन में महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों को दिया है। आइये डालते हैं एक नजर इन किरदारों/पात्रों पर—
बन्नी (रणबीर कपूर) ये जवानी है दीवानी
करण जौहर के बैनर तले बनी इस फिल्म में रणबीर कपूर ने ‘बन्नी’ नामक युवक की भूमिका निभाई थी। इस किरदार की सबसे बडी विशेषता इसकी दृढता थी। वह जिन्दगी को जीने के सपने देखता था और उन्हीं पर दृढ रहता था। जीवन में आने वाली कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद वह जो सोचता था, चाहता था उसका पीछा करता था और सफल होता। इस पात्र ने युवाओं को बहुत प्रभावित किया।
लैला (कैटरीना कैफ) जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा
जोया अख्तर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कैटरीना कैफ ने ‘लैला’ नामक युवती की भूमिका अदा की, जिसके लिए उनकी काफी सराहना की गई थी। आशावादी, आधुनिक, मजेदार और स्वतंत्र—यही लैला है। वह वर्तमान में रहती है, वह जीवन को प्यार करती है, जैसा कि वह जानती है कि यह सुंदर है और दूसरों को इसका अहसास कराती है। उसे अपने द्वारा किये गये कृत्यों के लिए कोई पछतावा नहीं है।
रानी (कंगना रनौत) क्वीन
विकास बहल ने एक ऐसे पात्र को रचा जिसने महिलाओं में जबरदस्त आत्मविश्वास जगाया। उन्हें इस बात का अहसास कराया कि वे चाहें तो जिन्दगी में बहुत कुछ कर सकती हैं। सिर्फ अपने हौंसले को मजबूत करना है। एक डरपोक लडकी से एक आश्वस्त महिला बनने की साहसी कथा थी क्वीन।
रोमिला दत्ता (प्रीति जिंटा) लक्ष्य
रोमिला दत्ता के रूप में एक आकांक्षापूर्ण पत्रकार का किरदार, जो महिलाओं को प्रोत्साहन देता है। इस किरदार का कहना है अपने लक्ष्य को मत भूलो, इसके रास्ते में आने वाली बाधाओं से डरो नहीं बल्कि उन्हें दूर करो और अपना लक्ष्य अर्जित करो।
करण शेरगिल (ऋतिक रोशन) लक्ष्य
फरहान अख्तर निर्देशित फिल्म का यह किरदार हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम क्योंकर ‘मैं ऐसा क्यूं हूं’ कहते हैं। इस पात्र ने अपनी महत्त्वाकांक्षा को पालने का तरीका दिखाया। इसने इस बात को सिखाया कि किस तरह से हम अपनी महत्त्वाकांक्षा का पालन कर सकते हैं। चौबीसों घंटे अपनी महत्त्वाकांक्षा को सामने रखो और उसे पाने के लिए प्रयासरत रहो, एक न एक दिन आप उसे प्राप्त कर ही लेंगे। फरहान की कलम से निकला बेहतरीन पात्र जो भुलाये नहीं भूलता।
गीत (करीना कपूर खान) जब वी मेट
गुजरे और आने वाले पल से ज्यादा अपने वर्तमान पल को जीयो। इस पल को जितना खुशी से बिता सकते हो बिताओ यही जिन्दगी है। आने वाला पल कैसा होगा और जो बीत गया वो कैसा था, उस पर विचार करने या अफसोस करने से अच्छा है जो चल रहा है उसे जियो। इम्तियाज अली की फिल्म जब वी मेट की गीत का किरदार यही संदेश देता है। यह कहता है हमारे पास हमारे भविष्य पर कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए सबसे बेहतर है वो लम्हा जिसमें हम रह रहे हैं, उसके लिए हमें कोई पछतावा नहीं होना चाहिए।
शिवानी शिवाजी राय (रानी मुखर्जी) मर्दानी
जहांगीर खान (डिअर जिन्दगी) शाहरुख खान
आयशा (वेकअप सिड) कोंकणा सेन
विद्या बागची (विद्या बालन) कहानी
मिशेल मैकनेली (रानी मुखर्जी) ब्लैक
कबीर खान (चक दे इंडिया) शाहरुख खान
भुवन (आमिर खान) लगान
शशि गोडबोले (इंग्लिश विंग्लिश) श्रीदेवी
हरप्रीत सिंह बेदी (रणबीर कपूर) रॉकेट सिंह सेल्समेन ऑफ द ईयर
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भारतीय वैज्ञानिक का दावा, यहां रहते हैं एलियंस

नई दिल्ली। एलियंस को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के दावे किए है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है किएलियंस जैसा इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। वहीं, कुछेक का कहना है कि आज भी इस दुनिया में एलियंस है। इसी कडी में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में शोध कर रहे एक एक भारतीय वैज्ञानिक ने नया दावा किया है। भारतीय युवा वैज्ञानिक का कहना है कि ये एलियंस हमारी पृथ्वी पर हो रही विकास कार्यों पर निगाह रख रहे है।
उन्होंने एलियंस का ठिकाना खोज निकालने का दावा किया है। आपको बता दें कि इस वैज्ञानिक का नाम विशाल गज्जर है। विशाल ने ऐसे एफआरबी (फास्ट रेडियो बर्स्ट) का पता लगाया है जो तीस लाख वर्ष दूर एक छोटी गैलेक्सी से भेजे जा रहे हैं।
विशाल का कहना है कि ऐसे रेडियो सिग्नल ऑस्ट्रेलिया स्थित ऑबजरबैटरी में 2 नवंबर 2012 को भी सुने गये थे। लेकिन विशाल गज्जर ने जिन रेडियो सिग्नल्स को पकड़ा है उनकी फ्रीक्वेंसी पहले से कहीं ज्यादा है। ऐसा प्रतीत होता है कि ये सिग्लन एलियंस ने अपने स्पेस क्राफ्ट को भेजे हैं।

इस महीने में जन्मी लड़कियों का ऐसा होता है स्वभाव

शास्त्रों- पुराणों में ऐसा कहा गया है कि स्त्रियों का स्वाभाव आज तक खुद भगवान भी नहीं जान पाएं तो इंसान और बड़े बड़े महापुरुष कैसे जान सकते है। आजकल लड़के, लड़कियों को समझने के चक्कर में सालों- साल शादी नहीं करते और जिंदगी भर उन्हें समझते ही रह जाते है। चेन्नई एक्सप्रेस तो आपने देखी ही होगी, उसमे भी शाहरुख खान खुद कहता कि औरत को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। लेकिन आज हमने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है, जी हाँ अब आप आसानी से अपने साथ की स्त्रियों के स्वाभाव के बारे में पता लगा सकते है। आज हम आपको ज्योतिष विद्या के माध्यम से बताने जा रहे हैं किस माह में जन्मी स्त्रियां कैसी होती है।
जनवरी और फरवरी-
सबसे पहली बात इन माह में जन्मी स्त्रियां देखने में बेहद आकर्षक होती है, ये सामान्य गोरे रंग व गेहुआं रंग की होती है, इनकी आँखें और स्माइल बहुत ही मनमोहक होती है। ऐसी स्त्रियां स्वाभाव से हसमुख व सर्वगुण संपन्न होती है। इनका स्वाभाव शांत व उदार होता है अथवा इन्हे आराम करना बहुत पसंद होता है,जिसकी वजह से ये कभी आलसी और असावधान हो जाती हैै।इनके वैवाहिक जीवन में मतभेद होते रहते है व अपने परिवार की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहती है। ऐसी स्त्रियों को अतिथि सत्कार करना अच्छे से आता है जिसकी वजह लोग इनसे मिलना जुलना पसंद करते है। लोग ऐसी स्त्रियों के पीछे इनकी तारीफ करते है।
मार्च और अप्रैल-
जिन स्त्रियों का जन्म मार्च और अप्रैल में होता है वे मीठा बोलती है, संस्कारी व व्यवहारकुशल होती है, ऐसी स्त्रियां मन से बिलकुल साफ़ होती होती, अपने मन में कुछ भी रखना नहीं जानती।जो भी मन में होता है वे कह देती है। ऐसी स्त्रियां बहुत ही धनवान और पुत्र वाली होती है, व भगवान पर उनका विश्वास कुछ ज्यादा ही होता है या यूँ कहले की धर्म कर्म के मामले में ज्यादा ज्ञान रखती है। ये रूप रंग से काफी सुन्दर होती है और अपने व्यव्हार की वजह से जल्दी सबसे घुल मिल जाती है। ऐसी स्त्री हर क्षेत्र में कलात्मक होती है, इनका स्वाभाव हठीला होता है, अगर इन्हे कुछ बुरा लग जाए तो वे उस बात को मन में घर कर लेती है, जिसके कारण उनके लोगों से व्यव्हार जल्दी टूट जाते है। लेकिन सबसे अच्छी बात इनमे ये होती है कि ये जिसको भी प्यार करती है उनके लिए हमेशा तत्पर रहती है, उन्हें कभी भी किसी चीज़ कि कमी नहीं होने देती।
मई और जून-
जिन स्त्रियों का जन्म इन महीने में हुआ हो वे स्वाभाव से बहुत गुस्सैल होती है, छोटी से छोटी बातों में उनका गुस्सा आना निश्चित हैं। इनका रूप रंग साफ़ व गुलाबी रंग का होता है व इन्हे अपने परिवार से खूब प्रेम होता है। ऐसी स्त्रियां चतुर और कामुक भी होती है। कोई भी व्यक्ति इनसे पहले दिन मिलते ही इनसे प्रभावित हो जाता है, जितनी जल्दी इन स्त्रियों के लोगों के सम्बन्ध बनते है उतनी ही जल्दी ख़राब भी हो जाते है।
जुलाई और अगस्त-
जिन स्त्रियों का जन्म इन महीनो में होता है उन्हें जीवन में रानी जैसा सुख मिलता है, इनके अंदर अच्छे से अच्छे गुण पाए जाते है, जिसकी वजह से इन्हे हर जगह आदर सम्मान मिलता है। इनका व्यव्हार धैर्यवान व शांत होता है, ये उसूलों कि पक्की व अनुशासन प्रिय होती है।
सितम्बर और अक्टूबर-
जिन स्त्रियों का जन्म इन माह में होता है वे भाग्य शाली होती है, ऐसी स्त्रियां धनवान, परिश्रमी व सभी कार्यों को करने में निपुर्ण होती है, अपने जीवन में अपने परिवार का अधिक ख्याल रखती है। ये अपने काम व भावना को दबाकर रखना पसंद करती है। हर चीज़ को जांचना परखना इनके स्वाभाव में होता है, वैसे तो ये हसमुख स्वाभाव की होती है, लेकिन इन्हे जल्दी गुस्सा आता है जिसकी वजह से इनको अधिक नुकसान झेलना पड़ता है। कोई भी काम करने से पहले ये आशा बाँध लेती है और विफल हो जाने पर जल्दी निराश हो जाती है।
नवंबर और दिसंबर-
इन दोनों माह में जन्मी स्त्रियां छोटे कद वाली, छोटी गर्दन व साँवले रंग की होती है। ये किसी भी बात से जल्दी डर जाती है ऐसी स्त्रियां अपने प्रेम पर अधिक शक करती है, ये काम के प्रति लापरवाह होती है जिसकी वजह से इनका जीवन साथी इनसे कटा कटा से रहते है। कभी- कभी ये अपशब्द भी बोल जाती है जिसकी वजह से इनके परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बचत के मामले में ये एक्सपर्ट होती है व धन जोड़कर रखती है, जिसकी वजह से ये अपने परिवार को बुरे समय से बचा लेती है।

Wednesday 30 August 2017

वास्तु में ये गलतियां ना हो तो होंगे वारे-न्यारे, सुख-समृद्धि घर में पसरेगी

वास्तु, प्रकृति से मनुष्य के सामंजस्य को बनाये रखने की वह अद्भुत कला है जो दस दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, उत्तर-पूर्व यानी ईशान, दक्षिण पूर्व यानी आग्नेय, दक्षिण- पश्चिम यानी नैऋत्य , उत्तर -पश्चिम यानी वायव्य, आकाश और पाताल) तथा पांच तत्वों (आकाश, वायु, जल, अग्नि एवं पृथ्वी) पर आधारित होती है। किसी भी दिशा या तत्व के असंतुलित अथवा दोषपूर्ण हो जाने से वास्तु नकारात्मक प्रभाव देने लगती है। जिसके कारण उसमें रहने वालों को बहुत सी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में कुछ खास बातों को ध्यान में रखने से घर में बरकत आती है और पैसों की कभी कमी नहीं आती।
जिस तरह से भवन या भूखंड के निर्माण में वास्तु के नियमों का पालन किया जाता है , उसी तरह निर्मित भवन के भीतर भी उपयोग में आने वाले सामान को सही दिशा में रखना आवश्यक है, वरना उसका नकारात्मक असर वहां रहने वालों को प्रभावित करेगा।
ड्रेसिंग टेबल आज के समय में सबसे अधिक उपयोग में आती है। भवन के उत्तर या पूर्व की दिशा इसके लिए उपयुक्त मानी गयी है। परंतु इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि ड्रेसिंग टेबल में लगा आईना सोने के पलंग के ठीक सामने न हो और सोते समय उसमें शरीर का कोई अंग भी दिखाई न देता हो। यदि ऐसा है तो सोने से पहले उस आईने को ढक देना चाहिए अन्यथा पति-पत्नी के रिश्ते तो खराब होंगे ही, बीमारिया भी पीछा नहीं छोड़ेंगी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टीवी, फ्रिज, कंप्यूटर, जनरेटर, ट्रांसफॉर्मर, इन्वर्टर, मिक्सी, विद्युत् मीटर आदि को सदैव दक्षिण पूर्व अथवा दक्षिण दिशा में ही रखना चाहिए।

Friday 18 August 2017

बिहार में बाढ का कहर जारी : अब तक 119 मौतें, 93 लाख लोग प्रभावित

बिहार में 15 जिलों में बाढ से लोगों फंसे हुए है। पिछले दिनों में कोसी और गंडक के जलस्तर में कमी देखी गई, लेकिन लोगों की परेशानियों में वैसी की वैसी बनी हुई है। इस बीच बाढ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या लगातार बढती ही जा रही है। राज्यभर में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढक़र 119 हो गई है, जबकि राज्य की करीब 93 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है। सरकार भले ही राहत और बचाव कार्यो का दावा कर रही हो, लेकिन कई सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अभी भी राहत कार्य नहीं पहुंचा है। latest bihar news in hindi
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बुधवार तक बिहार के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर, गोपालगंज जिले के 93 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित थी। अब बाढ़ का पानी सहरसा जिले में भी फैल गया है।
विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को यहां बताया कि राज्य के 15 जिलों के 93 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
राज्य में अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 119 तक पहुंच गई है। सबसे ज्यादा 23 लोग अररिया में मरे, जबकि पूर्वी चंपारण में 11, पश्चिम चंपारण में 11, किशनगंज में 11, सुपौल में 11, सीतामढ़ी में 12, मधुबनी में 7, कटिहार में सात, मधेपुरा में 5, पूर्णिया में 5, दरभंगा में 4, सहरसा में 4, गोपालगंज में 3 और खगडय़िा में 3 और सिहौर में 2 लोगों की मौत हो गई है।
अमृत ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी से घिरे 3.59 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन क्षेत्रों में 504 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें करीब 2.13 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 1,112 सामुदायिक रसोई खोले गए हैं, जिसमें तीन लाख से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया जा रहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित गोपालगंज, बगहा, बेतिया, रक्सौल तथा पूर्वी चंपारण का हवाई सर्वेक्षण कर बाढग़्रस्त इलाकों का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने बेतिया हवाई अड्डा स्थित हेलीपैड पर पश्चिम चंपारण जिले में आई बाढ़ प्रभावित इलाके में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो की स्थिति की समीक्षा की।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीमें लगी हुई हैं। इन 15 जिलों में एनडीआरएफ की 27 टीमों के 1110 जवान अपनी 114 नौकाओं और एसडीआरएफ की 16 टीमों के 446 जवान 92 नौकाओं तथा सेना के 630 जवान 70 नौकाओं के साथ राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता भी प्रभावित इलाकों में लगा हुआ है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधन सचिव आऱ क़े महाजन ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए निजी चिकित्सकों को को भी काम पर लगाया जाएगा। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।

जयललिता की मौत की न्यायिक जांच को भतीजी की पार्टी ने बताया हास्यास्पद

चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता के निधन की न्यायिक जांच की घोषणा को उनकी भतीजी के नेतृत्व वाले मंच एमजीआर अम्मा दीपा पेरवई ने हास्यापद बताया है। एमजीआर अम्मा दीपा पेरवई ने कहा है कि जयललिता के निधन की न्यायिक जांच की सरकार की घोषणा हास्यास्पद है। जे. दीपा के नेतृत्व वाले मंच ने देर गुरुवार एक बयान में कहा, यह एआईएडीएमके के कार्यकर्ताओं को मूर्ख बनाने का प्रयास है। बयान में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में किसी आयोग के स्थान पर केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराए जाने की मांग की।
मंच ने कहा कि जयललिता के निधन के बाद से ही एआईएडीएमके के 1.5 करोड़ कार्यकर्ता उनकी मौत के कारण की जांच कराए जाने की मांग कर रहे थे। बयान के मुताबिक, जेल में बंद एआईएडीएमके की महासचिव वी.के. शशिकला के परिवार को बचाने के लिए मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी जांच आयोग गठित करने के लिए आगे नहीं आए।
बयान में जयललिता के पोएस गार्डन आवास को एक स्मारक में तब्दील करने को निरंकुशता करार देते हुए इसकी निंदा की गई है। कहा गया है कि इसे दिवंगत मुख्यमंत्री के रक्त संबंधियों की मर्जी के बिना किया जा रहा है। दीपा ने कहा कि वह ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगी, क्योंकि जयललिता के आवास पर उनका कानूनी अधिकार है।

अगर पंचक के दौरान किए ये काम तो हो जाएंगे बरबाद

जब चंद्रमा गोचर में कुंभ और मीन राशि से होकर गुजरता है तो यह समय अशुभ माना जाता है इस दौरान चंद्रमा धनिष्ठा से लेकर शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती से होते हुए गुजरता है इसमें नक्षत्रों की संख्या पांच होती है इस कारण इन्हें पंचक कहा जाता है। कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हे विशेष रुप से पंचक के दौरान करने की मनाही होती है। पंचक में आने वाले नक्षत्रों में शुभ कार्य हो सकते हैं। पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है, वहीं धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि शुभ कार्यों में श्रेष्ठ माने गए हैं। पंचक को भले ही अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं। पंचक में आने वाले तीन नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद व रेवती रविवार को होने से आनंद आदि 28 योगों में से 3 शुभ योग बनाते हैं, ये शुभ योग इस प्रकार हैं- चर, स्थिर व प्रवर्ध।
इन शुभ योगों से सफलता व धन लाभ का विचार किया जाता है।
रोग पंचक: रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।
राज पंचक: सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है। ये पंचक शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है। राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।
अग्नि पंचक: मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में अग्नि का भय होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। इनसे नुकसान हो सकता है।
मृत्यु पंचक: शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।
चोर पंचक : शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए। मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है।
इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं माना गया है। इन दो दिनों में शुरू होने वाले दिनों में पंचक के पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं|
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क्या हुआ जब खुली सड़क पर निकले सिद्धार्थ-जैकलीन

इन दिनों बॉलीवुड के अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडिस अपनी आने वाली फिल्म ‘ए जेंटलमैन’ प्रमोशन में व्यस्त है। वहीं आपको बता दें कि शाहरूख की तरह सिड और जैक भी नई तरकीब निकाला है। जी हां आपको बता दें कि इस फिल्म के प्रमोशन के लिए दोनों खुली सड़क पर बाइक से घूमते नजर आए। जी हां हम आपको दोनों का कुछ ऐसा ही नजार देखने को मिला। हाल ही में दोनों मुंबई के बांद्रा में फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचे।इस दौरान जैकलीन और सिद्धार्थ बाइक की सवारी करते नजर आए। जैकलीन पीछे बैठी हुई थी जबकि सिद्धार्थ बाइक चला रहे थे। वहीं दोनों के फैंस मौका देखकर उनकी फोटो और वीडिया बनाते नजर आ रहे हैं। हाल ही में फिल्म के निर्माताओं ने नया गाना ‘बंदूक मेरी लैला’ रिलीज किया था। bollywood news in hindi
जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा का रैपर अवतार सामने आया था। इस गाने में पहली बार एक्टर ने रफ्तार के साथ रैप किया है। इसके अलावा गाने को देखने की एक और वजह जैकलीन हैं। इस गाने में सिद्धार्थ और जैकलीन गुंडो से भागते हुए और हाथों में बंदूक लिए दिख रहे हैं।
गाने में सिद्धार्थ मल्होत्रा का एक्शन भरा अंदाज तो वही जैकलीन अंदाज काफी हॉट है। जैकलीन इस वीडियो में काफी हॉट लग रही हैं। इस सॉन्ग को सिद्धार्थ और जैकलीन ने मुबंई के अंधेरी के एक रॉक कैफे में लॉन्च किया। जिस दौरान दोनों ने खूब मस्ती भी की।

हेडन के दिल में भी बसा है भारत, राष्ट्रगान का किया अंग्रेजी अनुवाद

भारत ने मंगलवार (15 अगस्त) को अपना 71वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया। इस मौके पर भारत को दुनियाभर से शुभकामनाएं मिलीं। क्रिकेट हस्तियां भी इस मामले में पीछे नहीं रहीं। जहां पाकिस्तान के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज शाहिद आफरीदी ने उसी दिन काफी भावनात्मक संदेश दिया, वहीं ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का मैसेज भी वायरल हुआ। हेडन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अनोखे अंदाज में बधाई दी।  latest sport news in hindi

हेडन ने भारत के राष्ट्रगान का अंग्रेजी में अनुवाद कर दिया और उन्होंने इसकी फोटो भी पोस्ट की है। हेडन ने लिखा कि सभी के दिलों पर राज करने वाला भारत ही है, जिसका नाम पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्रविड़, ओडिशा और बंगाल के दिल में बसता है, जिसका नाम हिमालय की वादियों में गूंजता है, गंगा-यमुना नदियों के पानी में उसका नाम बहता है, हिंद महासागर की लहरों में उसका नाम चमकता है।
वह आपको आशीर्वाद दे और आपकी रक्षा करे, वह आपको खुश रखे और आप पर उसकी दया बनी रहे, वह आपको अपनी शांति दे, अभी और हमेशा के लिए, तथास्तु। उल्लेखनीय है कि हेडन अक्सर भारतीय त्योहारों पर सोशल मीडिया के माध्यम से यहां के लोगों को बधाई देते रहते हैं। 45 वर्षीय हेडन ने वर्ष 1993 से 2009 के बीच 103 टेस्ट में 8625 रन, 161 वनडे में 6111 रन और 9 टी20 मुकाबलों में 308 रन बनाए थे।
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Wednesday 16 August 2017

5 TIPS: सास-बहू की तकरार को बदलें मस्ती और खुशी में

घर-परिवार में कहासुनी होना कोई नई बात नहीं है लेकिन सास-बहू में तकरार हमेशा विवाद का कारण बनती है। ऐसे में कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपनाया जाए तो न केवल सास-बहू में कभी कोई विवाद या कहासुनी नहीं होगी बल्कि उनके प्रेम में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी।
यदि सास-बहू दोनों में अक्सर तकरार होती हो तो दोनों के कमरे पर उनका साथ खिंचवाया गया चित्र फ्रेम करवाकर लगाएं। इससे दोनों के मध्य मधुर संबंध बनेंगे। यह प्रयोग में लिया हुआ नुस्खा है।
सास और बहू दोनों को प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए इससे न केवल घर का माहौल शांत रहेगा बल्कि संबंधों में भी मधुरता आएगी। ऐसे में गायत्री मंत्र की रिकार्डिंग भी चलाई जा सकती है।
दोनों में आपस में नहीं बनने पर हर शनिवार पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करने और घी का दीपक प्रज्वलित करने से भी घर में शांति आती है।
अगर हो सके तो डाइनिंग रूम और घर के अन्य स्थान पर भोजन करने की बजाय यदि रसोईघर में किया जाए तो पारिवारिक सदस्यों पर राहू का असर कम होता है। इससे घर में शांति और सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
यदि दोनों एक-दूसरे को फूटी आंख भी नहीं सुहाती हैं तो एक प्रयोग और भी किया जा सकता है। घर में कदम्ब के पेड़ की डाली रखना शुरू कर दें कुछ ही दिनों में असर दिखने लग जाएगा।

लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ, कहीं डोकलाम से ध्यान हटाने के लिए तो नहीं?

लद्दाख। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। डोकलाम के बाद अब चीनी सैनिकों ने लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की लेकिन भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी के चलते उनकी यह कोशिश नाकाम हो गई और भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस खदेड दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार चीनी सैनिकों ने मंगलवार को दो बार लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की लेकिन दोनों ही बार भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस चीनी सीमा में खदेड दिया। चीनी सैनिकों ने लद्दाख के पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे में घुसैपठ की कोशिश की। चीनी सैनिकों ने लद्दाख के फिंगर फोर और फिंगर फाइव इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की। घुसपैठ की पहली कोशिश मंगलवार की सुबह छह बजे की गई और दूसरी कोशिश सुबह नौ बजे की गई। latest hindi news today

लेकिन भारतीय सैनिकों की सतर्कता के कारण चीनी सैनिकों को वापस उनकी सीमा में खदेड दिया गया। भारतीय जवानों ने मानव श्रृंखला बनाकर दोनों ही बार उनके इरादों को नाकाम कर दिया। घुसपैठ कि कोशिश में नाकाम होते देख चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। भारतीय सैनिकों ने भी पत्थरबाजी का मुंहतोड जवाब दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्थरबाजी की घटना में दोनों तरफ से 2-2 सैनिकों के घायल हो गए। चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच करीब 30 मिनट तक टकराव चला। ज्ञातव्य है कि जिस इलाके में घुसपैठ की कोशिश की गई, उस इलाके पर भारत और चीन दोनों अपना-अपना दावा करते रहे हैं।

1990 में भारत ने किया था इस इलाके पर दावा:

गौरतलब है बकि वर्ष 1990 के दशक के आखिर में भारत ने बातचीत के दौरान इस इलाके पर अपना दावा किया था तो चीनी सेना ने यहां एक सडक बनाकर इसे अक्साई चीन का हिस्सा बता डाला था। वहीं इससे पहले चीनी सेना झील के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में लगातार आती रही थी। इस झील का 45 किलोमीटर का हिस्सा भारत में है, जबकि 90 किलोमीटर हिस्सा चीनी क्षेत्र में है।
डोकलाम पर चल रहे गतिरोध के बीच चीनी सैनिकों का लद्दाख की सीमा में घुसपैठ की कोशिश करना अप्रत्याशित और असामान्य घटना है। माना जा रहा है कि बिना हथियारों के इस्तेमाल किए चीनी सैनिक, भारतीय सैनिकों को उकसाना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एजेंसियों का मानना है कि इस घटना के पीछे डोकलाम में चल रहा गतिरोध भी हो सकता है। माना जा रहा है कि ये घटना वास्तविक नियंत्रण लेखा के अलावा दूसरे मोर्चों पर तनाव बढाने की चीन की साजिश का हिस्सा हो सकती है। इसी कारण लद्दाख घटना को भी डोकलाम विवाद से जोडकर देखा जा रहा है।
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बेंगलुरु: राहुल गांधी ने लॉन्च की 101 इंदिरा कैंटीन, 10 रुपए में मिलेगा खाना

बेंगलुरु। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन लॉन्च की है। इस इंदिरा कैंटिन में गरीबों को 10 रुपए में खाना मिलेगा। ज्ञातव्य है कि मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने अपने भाषण में कहा था कि मुझे यह घोषणा करने में खुशी हो रही है कि बुधवार से बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन खुलने जा रही है, जहां हर दिन शहर के श्रमिक वर्ग और गरीब प्रवासी सस्ते में भोजन करेंगे। पहले चरण में 101 कैंटीन हर दिन 5 रुपये में शाकाहारी टिफिन (नाश्ता) और 10 रुपये में दोपहर का भोजन और इसी कीमत में रात का भोजन मुहैया कराएंगे। साथ ही इस कैंटीन का शहर के गरीब पर पडे अच्छे और बुरे प्रभाव का अध्ययन कर राज्य के अन्य शहरों और कस्बों में भी इसी तरह के कैंटीन खोलेंगे। top hindi news
ज्ञातव्य है कि कर्नाटक सीएम के पास ही वित्त मंत्रालय है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष (2017-18) में सभी 198 वार्डों में पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के प्रसिद्ध अम्मा कैंटीन की तर्ज पर कैंटीन चलाने के लिए बजट में प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य कर्नाटक को भूख मुक्त बनाना है। राज्य में हर महीने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) को अन्न भाग्य योजना के 7 किलोग्राम चावल मुफ्त प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे दो वक्त भोजन कर सके
फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में करीब 8,000 लोगों की सभा को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि दाल (तूर दाल) की भी सब्सिडी दर पर आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्तनपान करा रही माताओं और गर्भवती महिलाओं के लिए मातृपूर्ण योजना के तहत रोजाना मिड डे मील मुहैया कराया जा रहा है। 2 अक्टूबर से इसका विस्तार राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों तक किया जा रहा है, जिनकी संख्या 12 लाख है।

Tuesday 15 August 2017

विश्व एथलेटिक्स : 4 गुणा 400 मी. रिले में अमेरिका ने जीता स्वर्ण

लंदन। विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के पिछले संस्करण में महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर स्पर्धा में रजत पदक हासिल करने वाली अमेरिकी टीम इस बार इस स्पर्धा में अपने पदक का रंग बदलने में सफल रही।
अमेरिकी टीम ने पिछले संस्करण की विश्व चैम्पियन जमैका को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। जमैका की महिला रिले रेस टीम अयोग्य घोषित कर दी गई थी। अमेरिकी टीम तीन मिनट 19 सेकेंड में इस रेस को पूरी कर विश्व चैम्पियन बनीं। इसके अलावा, ब्रिटेन ने भी अपने पदक का रंग बदला और पिछले संस्करण में जीते गए कांस्य पदक को रजत में तब्दील किया।
तीन मिनट 25 सेकेंड का समय लेकर ब्रिटेन की टीम दूसरे स्थान पर रही। पोलैंड की टीम ने तीन मिनट 25 सेकेंड और 41 नैनो सेकेंड का समय लेते हुए इस स्पर्धा में तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक अपने नाम किया। latest sports news in hindi
केन्या की हेलेन 5000 मीटर चैंपियन
लंदन। केन्या की एथलीट हेलेन ओसांदोनो ओबीरी ने इथोपियाई एथलीटों के प्रभुत्व को कम करते हुए विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में महिलाओं की 5000 मीटर रेस स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पिछले संस्करण में तीनो पदकों पर इथोपियाई एथलीटों ने कब्जा किया था, लेकिन इस बार हेलेन शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व चैम्पियन बनीं। हेलेन ने 14 मिनट 34 सेकेंड में इस रेस को पूरा कर पहला स्थान हासिल किया।
इसके बाद पिछले संस्करण की स्वर्ण पदक विजेता केन्याई एथलीट अलमाज अयाना को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने 14 मिनट 40 सेकेंड में इस रेस को पूरा किया। नीदरलैंड्स की सिफान हसन 14 मिनट और 42 सेकेंड का समय तय करते हुए तीसरे स्थान पर पहुंची और उन्होंने कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया।

B. SPL: जब इस निर्देशक ने राखी गुलजार को मारा था थप्पड़

दशकों तक पर्दे पर अपनी अदाकारी के जरिए फैन्स में एक खास जगह बनाने वाली राखी आज अपना 69वां जन्मदिन मना रही हैं। राखी के जन्मदिन पर आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी एक खास कहानी बताते हैं। राखी पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के रानाघाट इलाके में जन्मी थी। भारत की आजादी की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद राखी का जन्म हुआ था। राखी ने शुरुआती पढ़ाई पास के गर्ल स्कूल में पूरी की। उनकी शादी छोटी उम्र में ही एक बंगाली फिल्म डायरेक्टर अजय बिस्वास से हो गई थी। एक बार राखी ने बताया था कि, उस समय वो इतनी छोटी थीं कि उन्हें केवल इतना मालूम था कि हर लड़की की शादी होती है और उन्हें भी यह करना है। छोटी उम्र में हुई ये शादी ज्यादा दिन नहीं चली। 20 साल की उम्र में उन्होंने बंगाली फिल्मों से एक्टिंग की शुरुआत की और बॉलीवुड में अपनी राह बना ली। साल 1973 में राखी और गुलजार ने शादी कर ली। दोनों फिल्म इंडस्ट्री में नए थे। एक ही तरह का स्वभाव भी था। लेकिन फिर भी सब उस तरह नहीं चल पाया जैसे उन्होंने सोचा था।
फिल्मी सफर
राखी गुलजार ने 1967 में 20 साल की उम्र से अपने करियर की शुरुआत बंगाली फिल्म ‘वधु वरण’ से की, उन्होंने अपने करियर में बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया। इस फिल्म के दौरान राखी की अदाकारी से पहली बार सुनील दत्त प्रभावित हुए और वह उन्हें फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में मुख्य किरदार से तौर पर लेना चाहते थे।
लेकिन इससे पहली ही राखी ने फिल्म ‘जीवन मृत्यु’ (1970) को साइन किया और फिल्म में उन्होंने लीड रोल निभाया। यह फिल्म राखी की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म थी, जिसको राजश्री प्रोडक्शन हाउस की ओर से तैयार किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि फिल्म ‘जीवन मृत्यु’ की शूटिंग के दौरान सीन को सही तरह से न करने पर निर्देशक सत्येन बोस ने राखी को थप्पड़ मारा था।
सबसे ज्यादा ​फीस लेने वाली दूसरी अभिनेत्री
1970 -1974 तक राखी बॉलीवुड में आशा पारेख के बाद दूसरी सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस बनी। फिल्म इंडस्ट्री में अपना यही स्थान उन्होंने 1975-1982 के दौर में लोकप्रिय अभिनेत्री परवीन बॉबी और रीना रॉय के समय में भी बनाए रखा। 1971 में फिल्म ‘शर्मिली’ में राखी गुलजार को पहली बार बॉलीवुड फिल्मों में डबल रोल करने का मौका मिला। bollywood hindi news
इसमें उन्होंने शशि कपूर और धर्मेन्द्र के साथ स्क्रीन शेयर की। इसी साल उन्होंने फिल्म ‘लाल पत्थर’ और ‘पारस’ में भी लीड रोल में काम किया। यह तीनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई। इसी के साथ राखी बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकाराओं में शामिल हुई।
प्रमुख फिल्में
राखी ने अपने फिल्मी करियर में 95 से ज्यादा फिल्में की, जिसमें शशि कपूर के साथ सर्वाधिक 10 फिल्मों— शर्मिली (1971), जानवर और इंसान (1972), कभी-कभी (1976), त्रिष्णा (1978), बसेरा (1981), पिघलता आसमान (1985), बंधन कच्चे धागों का (1983), बंध हौठ (1984), जमीन आसमान (1984), दूसरा आदमी (1977) और एक दो तीन चार में काम किया।
इसमें से 4 फिल्में उनकी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, 6 फिल्में सुपरहिट और एक फिल्म ‘एक दो तीन चार’ रिलीज ही नहीं हुई। यहां तक कि लीड एक्ट्रेस के तौर पर उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म ‘पिघलता आसमान’ भी 1985 में शशि कपूर के साथ की। राखी को पहली बार फिल्म ‘हीरा पन्ना’ (1973) से बॉलीवुड सुपरस्टार देव आनंद के साथ काम करने का मौका मिला। इसके अलावा उन्होंने फिल्म बनारसी बाबू, जोशीला और लूटमार में भी देव आनंद के साथ स्क्रीन शेयर की।
राखी ने फिल्म इंडस्ट्री को उस समय सबसे बड़ा झटका दिया जब उन्होंने फिल्म ‘आंचल’ (1980) में राजेश खन्ना की भाभी के किरदार को निभाने के लिए कहा। यह फिल्म भाभी और देवर के रिश्ते पर आधारित थी, जिसको शक की निगाहों से देखा जाता है। हालांकि बाद में बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म सुपर हिट साबित हुई।
1980 से 1990 के दौर में राखी ने फिल्मों में एक विधवा मां के किरदार निभाने शुरू किए, जिसकी शुरुआत उन्होंने 1989 में बनी फिल्म ‘राम लखन’ से की। इस फिल्म में राखी के किरदार के साथ फिल्म में उनके संवाद (डॉयलॉग) को भी दर्शकों ने बेहद पसंद किया। इसके बाद उन्होंने फिल्म अनाड़ी (1993), बाजीगर (1993), खलनायक (1993), करण अर्जुन (1995), बॉर्डर (1998) और एक रिश्ता: द बॉन्ड ऑफ लव (2001) में भी दमदार मां की भूमिका निभाई।
आखिरी फिल्म शुभ मुहूर्त
राखी ने अपनी अंतिम फिल्म ‘शुभ मुहूर्त’ की, जो 2003 में बनी। इस फिल्म से उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस में दूसरा नेशनल अवॉर्ड भी मिला। इन दिनों राखी फिल्मों में सक्रिय नहीं है।राखी को हमेशा इस बात का अफसोस रहता है कि उन्होंने फिल्मों के दौरान बेहतरीन डांस नहीं सीखा। यदि ऐसा कर पाती तो, उनका कहना था कि वह अपने फिल्मी करियर में कुछ और बेहतरीन फिल्मों को शामिल कर सकती थी।

योगी आदित्यनाथ बोले: देश के विकास का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है..

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि राज्य में जातिवाद और भ्रष्टाचार की कोई जगह नही है। उन्होंने इस अवसर पर मंगलवार को राजधानी लखनऊ में तिरंगा फहराया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने देश के शहीदों को नमन किया श्रद्धांजलि दी। योगी आदित्यानाथ ने ध्वजारोहण के बाद संबोधन में कहा, देश के विकास का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है। उन्होंने इस मौके पर इशारों ही इशारों में गोरखपुर हादसे के लिए इंसेफेलाइटिस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस का खात्मा स्वच्छता से ही किया जा सकता है। योगी ने इस मौके पर 1857 की क्रांति को याद करते हुए कहा कि आजादी का पहला संग्राम उत्तर प्रदेश की भूमि से ही शुरू हुआ। स्वतंत्रता दिवस आत्मचिंतन करने तथा महान देशभक्तों के सपनों को पूरा करने का अवसर देता है।

उन्होंने कहा कि भारत को विकसित, समृद्ध करना है तो इसका रास्ता सिर्फ उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ की जनता का विकास होने से ही देश का विकास संभव है। योगी ने कहा कि आज का दिन संकल्प लेने का भी है। संकल्प एक साथ मिलकर भारत और प्रदेश की उन्नति करने का है। उन्होंने कहा, सामूहिक शक्ति से ही सामूहिक देश का निर्माण किया जा सकता है।
हमारे काम करने का मकसद किसी जाति-धर्म के लिए नहीं, बल्कि लोक कल्याण होना चाहिए। हम यूपी को सभी क्षेत्र में सबसे आगे देखना चाहते हैं। योगी ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमे देश के संविधान के अधीन ही काम करना होगा। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए जवानों ने अपना सब कुछ न्यौछावर किया है। हमें उनकी कुबार्नी को बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना होगा, जिसमें 2017 से 2022 तक राज्य को देश के सर्वोत्तम प्रदेश की श्रेणी में लाना होगा। भारत आतंकवाद, जातिवाद जैसी चीजों से मुक्त हो, इसकी पहल उत्तर प्रदेश से करनी होगी।
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PM मोदी के भाषण में नोटबंदी, कश्मीर, किसान, कृष्ण, पढें पूरा भाषण

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 71वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कहा कि मैं देशवासियों को 71वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूं। साथ ही उन्होंने जन्माष्टमी के पर्व की भी शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही गोरखपुर में हुए बच्चों की मौत का जिक्र करते हुए संवेदना जताई। आगे पीएम मोदी ने कहा कि 2022 में अभी पांच साल हैं, आजादी के दीवानों का सपना पूरा करने के लिए ये वक्त काम आ सकता है।
मिलकर त्याग, तपस्या से न्यू इंडिया बनाना है: 
मोदी ने कहा कि सवा सौ करोड़ देश वासियों के संकल्प से, पुरुषार्थ से, त्याग और तपस्या से न्यू इंडिया बनाना है। पीएम मोदी ने कहा कि अर्जुन के सवाल पूछने पर कृष्ण ने कहा था कि मनुष्य का मन जैसा होता है, परिणाम भी वैसा ही आता है। हम पहले निराशा से पले-बढे, अब हमें आत्मविश्वास से आगे बढना है। निराशा से उबरना है। चलता है का जमाना चला गया, अब आवाज यही उठे कि बदला है, बदल रहा है और बदल सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि जब साधक, साधन और सामर्थ्य त्याग और तपस्या से जुड जाते हैं, कर गुजरने के इरादे से जुड जाते हैं तो संकल्प सिद्धि में बदल जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें मिलकर न्यू इंडियरा बनाना है जो सुरक्षित, समृद्ध और शक्तिशाली हो। जहां हर किसी को समान अवसर मौजूद हो। जहां आधुनिक विज्ञान और तकनीकि में भारत का दबदबा हो। आजादी का संग्राम हमारे लिए भावना से जुडा हुआ है। आगे उन्होंने कहा कि आजादी की लडाई के वक्त किसान, शिक्षक और मजदूर अपना काम करते थे। लेकिन उनके मन में भाव था कि जो भी काम कर रहे हैं वो आजादी के लिए कर रहे है। पीएम मोदी ने कहा कि परिवार में भी खाना रोज पकता है, व्यंजन सभी बनते हैं, लेकिन जब ये खाना भगवान के सामने चढा दिया जाता है, तो वो प्रसाद बन जाता है। हम परिश्रम करते हैं, लेकिन मां भारती के लिए हम हमारे हर काम को राष्ट्रभाव और भक्ति से समर्पित कर देते हैं तो परिणाम की ताकत बढ़ जाती है। हम सब उस बात को लेकर आगे चलें। पीएम मोदी ने कहा कि 2018 की 1 जनवरी सामान्य एक जनवरी नहीं होगी। 21वीं शताब्दी में जन्म लेने वालों के लिए, नौजवानों के लिए ये निर्णायक वर्ष है। वो 18 साल के जब-जब होंगे, वे 21वीं सदी के भाग्यविधाता होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि सवा सौ करोड देशवासियों में कोई छोटा-बडा नहीं है। हर कोई अपनी जगह से 2022 के लिए नए इंडिया का संकल्प ले।

आजादी के पर्व के साथ जन्माष्टमी का पर्व भी:
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश पूरा देश आजादी के पर्व के साथ जन्माष्टमी का पर्व भी मना रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे सामने बाल कन्हैया भी बैठे हैं। आगे उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र धारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक हमारी सांस्कृतिक ऐतिहासिक विरासत के हम सभी धनी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सप्ताह ही क्विट इंडिया मूवमेंट के 75 साल पूरे किए, ये वर्ष साबरमती आश्रम की शताब्दी का वर्ष है, ये वर्ष लोकमान्य तिलक का के जज्बे का 125 वां वर्ष है। हम आजादी का 70वां वर्ष और 2022 में आजादी के 75 साल, 1942 से 1947 से देश ने सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया अंग्रेजों को भारत छोड कर जाना पडा।
सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया ने पहचानी भारत की ताकत:
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सेनाओं समेत सभी सुरक्षा एंजेसियों ने हर मौके पर अपना कर्तब दिखाया, बलिदान करने में ये कभी पीछे नहीं रहे हैं। मोदी बोले कि उन्होंने हर जगह अपना काम किया चाहे आतंकवाद हो या घुसपैठ हो। आगे उन्होंने कहा कि जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तब दुनिया ने हमारी ताकत को पहचाना। मोदी बोले की आतंरिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें हर प्रकार की सुरक्षा करनी है समंदर हो या सीमा हो, साइबर हो या स्पेस हो। उन्होंने कहा कि भारत इसे करने में सक्षम है, देश के खिलाफ कुछ भी होने के हौसले परस्त करने में हम सक्षम हैं।
ईमानदारी का महोत्सव मना रहा देश: पीएम मोदी ने कहा कि आज ईमानदारी का महोत्सव मनाया जा रहा है। गरीबों को लूट कर तिजोरी भरने वाले लोग आज भी चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं, ईमानदारों को अब विश्वास बढ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि अभी तक 800 करोड रुपए की संपत्ति जब्त की है, जिससे लोगों को विश्वास मिला है।
काम की रफ्तार दोगुनी हुई:
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 40 साल से वन रैंक वन पेंशन का मामला अटका हुआ था, हमनें इस मसले को निपटाया। जीएसटी पूरी तरह से सफल हुआ है, विश्व के लोगों को अजूबा लगता है कि जीएसटी इतना सफल कैसे हो पाया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज दोगुनी रफ्तार से सडकें बन रही हैं, दोगुनी रफ्तार से रेल की पटरियां बन रही हैं। 14 000 गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी हैं। 29 करोड लोगों को बैंक खाते खोले गए। उन्होंने कहा कि 9 करोड से ज्यादा किसानों के सॉयल हेल्थ कार्ड बने हैं, 2.5 करोड से ज्यादा गैस चूल्हे दिए गए हैं, इससे गरीब व्यक्ति मुख्य धारा से जुडा है। 8 करोड से ज्यादा युवाओं को लोन दिया गया, महंगाई पर रोक लगी है। हमने नौकरियों में इंटरव्यू खत्म किया, कई व्यवस्थाओं को बदला है, हमने गुड गवर्नेंस से काम किया है। पीएम मोदी ने कहा कि वक्त बदल चुका है। सरकार ने जो कहा वह करके भी दिखाया।

कश्मीर की समस्या का हल गोली और गाली नहीं:

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में भारत की साख बढ रही है। आतंकवाद के खिलाफ लडाई में पूरी दुनिया हमारे साथ हैं। मोदी ने कहा कि हम विश्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विकास, उन्नति और उनके सपनों को पूरा करना हमारा संकल्प है और इसे फिर से स्वर्ग बनाना है। मोदी ने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी होता है, बयानबाजी होती है, लोग एक दूसरे को गाली भी देते हैं। मुठ्ठी भर अलगाववादी लडते है, लेकिन ये समस्या ना गाली से सुलझेगी ना ही गोली से सुलझेगी ये समस्या सुलझेगी तो सिर्फ हर कश्मीरी को गले लगाने से ही सुलझेगी। मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी, हमनें बार-बार उन्हें कहा है कि मुख्यधारा में आइए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के प्रयासों से कई नौजवान मुख्यधारा में भी आए हैं।
तकनीक की मदद से देश में ईमानदारी को बल देंगे:
मोदी ने कहा कि भारत सरकार ऐसी वेबसाइट लॉन्च कर रही है, जहां पर गैलेंटरी अवॉर्ड प्राप्त करने वाले लोगों की जानकारी मिलेगी। मोदी ने कहा कि तकनीक की मदद से हम लोग देश में ईमानदारी को बल देंगे, काले धन-भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लडाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं में रफ्तार बढी है, जब सरकार किसी काम में विलंब हो जाता है तो वह प्रोजेक्ट का विलंब नहीं होता है उससे गरीब लोगों को नुकसान होता है। पीएम मोदी ने कहा कि हम 9 महीने में मंगलयान पहुंच सकते हैं, लेकिन 70 किमी का रेल प्रोजेक्ट 42 साल से अटका हुआ था। मोदी बोले कि हमने इनमें बदलाव किया।
राज्यों की समस्या और महत्तव जानता हूं:
एक समय था पहले राज्य और केंद्र के बीच में यूरिया, कैरोसिन के लिए तनाव होता था। ऐसा लगता था कि केंद्र बडा भाई है, राज्य छोटा भाई है। मोदी ने कहा कि मैं सीएम रहा हूं इसलिए राज्यों की समस्या और राज्य के महत्व को जानता हूं। अब सारे निर्णय मिलकर हो रहे हैं। हम कॉपरेटिव कैपिटिलिज्म से अब कंपेटेटिव कॉपरेटिव कैपिटिलिज्म की ओर आगे बढ रहे हैं। पीएम मोदी बोले कि जीएसटी के साथ स्मार्ट सिटी, स्वच्छता के निर्माण हो उस पर हर कोई साथ काम कर रहा है। मोदी बोले कि लोकतंत्र मतपत्र तक सीमित नहीं हो सकता है, हम इसमें बदलाव चाहते हैं। मोदी बोले कि तंत्र से लोक नहीं बल्कि लोक से तंत्र चले इसकी व्यवस्था करना चाहते हैं।

Monday 14 August 2017

श्रीलंका के खिलाफ सीरीज जीत के बाद ऐसा बोले कोहली, धवन, पांड्या

नई दिल्ली। भारत ने धमाकेदार खेल का प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका का उसी के घर में तीन मैच की टेस्ट सीरीज में 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया। कैंडी में खेला गया तीसरा व अंतिम टेस्ट टीम इंडिया ने सोमवार को तीसरे ही दिन पारी और 171 रन से जीत लिया।

भारत ने पहला और दूसरा टेस्ट 4-4 दिन के अंदर जीता था। सीरीज जीत के बाद काफी खुश नजर आ रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि एक अच्छा दिन, एक अच्छी जीत। इतनी आसान जीत मिलना हमेशा सुखद होता है। मैं कहना चाहूंगा कि नियमित खिलाडिय़ों ने बढिय़ा प्रदर्शन किया। सबसे बड़ी सकारात्मक बात हार्दिक पांड्या को टीम में शामिल करना रही।

उन्होंने हमें मिडिल ऑर्डर में सहारा दिया। हम अभी युवा टीम हैं और हर टेस्ट की ओर ध्यान दे रहे हैं। और निष्ठुर होने का यही एक तरीका है। हम बाद में जवाब देने के बजाय पहले एक्शन लेना पसंद करते हैं।
मैन ऑफ द सीरीज चुने गए बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा कि सीरीज शुरू होने से पहले मैं हांगकांग में छुट्टियों का मजा ले रहा था। सीरीज में चीजें मेरे पक्ष में गईं। मुझे प्रबंधन का समर्थन मिला। मैं ऐसे ही खेलना पसंद करता हूं। यह मेरा नैसर्गिक खेल है। मुझे ऐसे खेलना ही जारी रखना होगा। कुछ भी स्थायी नहीं है। टीम में हर पोजिशन के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है।

मैन ऑफ द मैच हार्दिक पांड्या ने कहा कि मैं खुश हूं कि मैं यहां मेरा पहला शतक जमा पाया। परिस्थितियां मेरे माफिक हैं। मेरे दिमाग में हमेशा लक्ष्य रहता था। टेस्ट क्रिकेट खेलना इतना आसान नहीं है, इसमें काफी मेहनत करनी पड़ती है। टीम को जहां आवश्यकता होगी मैं वहां बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं।
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पाक ने भारत के सिर फोड़ा रिश्ते खराब करने का ठीकरा, अलापा कश्मीर राग

इस्लामाबाद। आजादी की 70वीं सालगिरह के मौके पर पाक प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने द्विपक्षीय संबंधों में गतिरोध के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तान ने सोमवार को चीन के उप प्रधानमंत्री वांग यांग के साथ देश का स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए कहा कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती स्टील से भी ज्यादा मजबूत और शहद से भी ज्यादा मीठी है। पाकिस्तान के 70वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर पीएम शाहिद खाकन अब्बासी ने भारत पर आपसी रिश्ते खराब करने और इनमें सुधार के रास्ते बंद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के विस्तारवादी इरादे दोनों पड़ोसी देशों के रचनात्मक संबंधों के बीच मुख्य बाधा है।
पाकिस्तान आजादी की समानता के आधार पर सभी पड़ोसी देशों के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंधों का इच्छुक है। इस दौरान पाक पीएम ने अपने भाषण में कश्मीर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में होने वाले विवादों को हल करने के लिए दुनिया को दखल देना चाहिए। इसे यूएन रिजोल्यूशन के हिसाब से हल करना चाहिए, ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति कायम हो।
मुश्किल हालात में एक-दूसरे के साथ खड़े है चीन-पाक
इस्लामाबाद के कन्वेंशन सेंटर में ध्वजारोहण समारोह में शामिल हुए वांग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान मुश्किल समय में एक दूसरे के साथ खड़े रहे हैं और यह दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरेगी और आने वाली पीढिय़ों के साथ और मजबूत होगी।
राष्ट्रपति ने किया ये आह्वान
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने इस मौके पर कहा, आइए, हम अपने मतभेद भुलाकर मातृभूमि के विकास और सम्पन्नता में योगदान दें। हम नफरत और गलतफहमियां दूर कर प्यार और सद्भावना बढ़ाएं। समारोह राष्ट्रपति ममनून हुसैन द्वारा ध्वजारोहण समारोह और 31 बंदूकों की सलामी के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी और देश की सशस्त्र सेवाओं के तीनों प्रमुख भी मौजूद थे।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने रविवार की आधी रात को वाघा सीमा पर देश का अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्र ध्वज फहराया। 120 फीट गुना 80 फीट के ध्वज को 400 फीट की ऊंचाई पर फहराया गया। सेना प्रमुख ने कहा, हम पाकिस्तान के हर आतंकवादी को सूली पर चढ़ा देंगे। अफगानिस्तान और भारत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, हमारे दुश्मन भले ही पूरब में हों या पश्चिम में, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि पाकिस्तानी जवान उनके आगे कभी नहीं झुकेंगे। उन्होंने पाकिस्तान की आंतरिक और बाहरी चुनौतियों को लेकर कहा, जो भी ताकत पाकिस्तान को कमजोर करने की कोशिश करेगी, पाकिस्तानी सेना और अन्य सभी संस्थाएं उनके प्रयासों को नाकाम कर देंगी।

गोरखपुर हादसे पर बोले अमित शाह, देश में पहले भी होते रहे हैं ऐसे हादसे

बेंगलुरु। कर्नाटक दौरे पर पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पहली बार गोरखपुर हादसे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत एक दुर्घटना है और इसकी जांच जारी है। अमित शाह ने सोमवार को कहा कि देश में पहली बार ऐसा हादसा नहीं हुआ है। इतने बड़े देश में पहले भी बहुत सारे हादसे होते रहे है। जांच पूरी होने तक किसी को गलत ठहराना ठीक नहीं है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरखपुर मामले पर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां लगातार योगी सरकार पर हमला बोल रही है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग कर रही है। लेकिन, कांग्रेस द्वारा इस्तीफा मांगने के सवाल पर अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का तो काम ही इस्तीफा मांगना है। इतने बड़े देश में बहुत सारे हादसे हुए, पहली बार ऐसा हादसा नहीं हुआ है।
अमित शाह ने कहा कि राज्य सरकार ने हादसे की जांच का आदेश दे दिया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तय समय में जांच का आदेश दिया है। वहीं, जन्माष्टमी मनाने के सवाल पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जन्माष्टमी अपनी जगह है।
जैसे देश में होगी वैसे ही यूपी में लोग मनाएंगे। यह सरकारी त्योहार नहीं है। गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में पिछले 6 दिनों में करीब 65 बच्चों की मौत के बाद राज्य की योगी सरकार विपक्षी आलोचना झेल रही है।