Friday 17 March 2017

प्रेक्षाध्यान वर्तमान में चलना सिखाता है : मुनि पीयूष कुमार

गंगाशहर (बीकानेर)। प्रेक्षाध्यान वर्तमान में चलना सिखाता है। यह बात मुनि पीयूष कुमार ने नैतिकता का शक्तिपीठ पर आचार्य तुलसी और प्रेक्षाध्यान विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही। 


मुनि ने कहा कि प्रेक्षा का तात्पर्य है, गहराई में उतरकर देखना। उन्होंने कहा कि हम कार्य कुछ करते हैं, परंतु हमारा ध्यान कहीं होता है। भोजन करें, श्वास लें, या पानी पिएं, गोष्ठी में बैठें तो ध्यान भी उसी में रहे। मुनि पीयुष कुमार ने कहा कि हम गहराई में नहीं उथले में जीते हैं, जिसके चलते दुखी हो जाते हैं। हम भूतकाल या भविष्य की कल्पनाओं में जीते हैं। सकून व खुशी के लिए वर्तमान में जीना सीखें। मुनि विमल बिहारी जी ने कहा कि आत्म साक्षात्कार प्रेक्षाध्यान के द्वारा ही हो सकता है। आज की सबसे बड़ी समस्या मानसिक तनाव की है, उसका समाधान प्रेक्षाध्यान से ही मिल सकता है।

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