Saturday 1 July 2017

जीएसटी ऐसे रोकेगा कालाबाजारी, टैक्स चोरी नहीं पाएंगे व्यापारी


नई दिल्ली। आज से देश में जीएसटी लागू हो गया है। जीएसटी लागू होने से काली कमाई करने वाले कारोबारियों पर नकेल कसेगी। वहीं दूसरी ओर जीएसटी से केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को अधिक राजस्व मिलेगा। आधी रात को संसद के केन्द्रीय हॉल में जीएसटी समारोह आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे गुड्स एंड सिंपल टैक्स कहा। जीएसटी से उन कारोबारियों पर नकेल कसेगी जो राजस्व की चोरी करते थे। संसद में जीएसटी लॉन्च के वक्त बताया गया कि देश में मात्र 85 लाख कारोबारी टैक्स अदा करते हैं। इसको इस तरह से समझे कि हमारे देश की आबादी 125 करोड है लेकिन 1 फीसदी से भी कम लोग कारोबार पर टैक्स देते हैं। टैक्स चोरी के चलते अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सॉवरेन रेटिंग बेहद कम है। ऐसे में विदेशी निवेशक भी यहां निवेश करने से कतराते हैं।
जीएसटी रोकेगा कालाबजारी:
जीएसटी लागू होने से कारोबार का डिजिटलाइजेशन हो जाएगा। ज्ञातव्य है कि जीएसटी के तहत टैक्स क्रेडिट व्यवस्था बनाई गई है। इसमें कारोबारी को अपने उत्पाद अथवा सेवा के इनवॉयस को प्रति माह जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद जीएसटी नेटवर्क में लगा सॉफ्टवेयर कारोबारियों के इनवॉयस को सप्लायर और वेंडर के आंकडों से मिलान का काम करेगा। इन आंकडों का मिलान सही पाए जाने पर ही कारोबारी को टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा। ऐसे में कारोबारियों को टैक्स के्रडिट का लाभ लेने और कालाबाजारी से बाहर निकलने के लिए रजिस्टर्ड सप्लायर और वेंडर का सहारा लेना होगा। ये सप्लायर और वेंडर भी रजिस्टर्ड होने के साथ ही 20 लाख रुपये के टर्नओवर से अधिक होने पर जीएसटी के दायरे में होंगे।
जीएसटी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने जीएसटी में जेल का प्रावधान भी किया है। इसके तहत अगर कोई कारोबारी गलत ढंग से कारोबार करता पाया गया या मुनाफाखोरी में लिप्त पाया गया तो उसे 5 साल की जेल की सजा भी हो सकती है। ऐसे में कारोबारी और व्यापारी को जेल जाने का डर भी रहेगा।
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