Friday 18 August 2017

बिहार में बाढ का कहर जारी : अब तक 119 मौतें, 93 लाख लोग प्रभावित

बिहार में 15 जिलों में बाढ से लोगों फंसे हुए है। पिछले दिनों में कोसी और गंडक के जलस्तर में कमी देखी गई, लेकिन लोगों की परेशानियों में वैसी की वैसी बनी हुई है। इस बीच बाढ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या लगातार बढती ही जा रही है। राज्यभर में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढक़र 119 हो गई है, जबकि राज्य की करीब 93 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है। सरकार भले ही राहत और बचाव कार्यो का दावा कर रही हो, लेकिन कई सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अभी भी राहत कार्य नहीं पहुंचा है। latest bihar news in hindi
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बुधवार तक बिहार के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर, गोपालगंज जिले के 93 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित थी। अब बाढ़ का पानी सहरसा जिले में भी फैल गया है।
विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने गुरुवार को यहां बताया कि राज्य के 15 जिलों के 93 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
राज्य में अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 119 तक पहुंच गई है। सबसे ज्यादा 23 लोग अररिया में मरे, जबकि पूर्वी चंपारण में 11, पश्चिम चंपारण में 11, किशनगंज में 11, सुपौल में 11, सीतामढ़ी में 12, मधुबनी में 7, कटिहार में सात, मधेपुरा में 5, पूर्णिया में 5, दरभंगा में 4, सहरसा में 4, गोपालगंज में 3 और खगडय़िा में 3 और सिहौर में 2 लोगों की मौत हो गई है।
अमृत ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी से घिरे 3.59 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन क्षेत्रों में 504 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें करीब 2.13 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 1,112 सामुदायिक रसोई खोले गए हैं, जिसमें तीन लाख से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया जा रहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित गोपालगंज, बगहा, बेतिया, रक्सौल तथा पूर्वी चंपारण का हवाई सर्वेक्षण कर बाढग़्रस्त इलाकों का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने बेतिया हवाई अड्डा स्थित हेलीपैड पर पश्चिम चंपारण जिले में आई बाढ़ प्रभावित इलाके में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो की स्थिति की समीक्षा की।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीमें लगी हुई हैं। इन 15 जिलों में एनडीआरएफ की 27 टीमों के 1110 जवान अपनी 114 नौकाओं और एसडीआरएफ की 16 टीमों के 446 जवान 92 नौकाओं तथा सेना के 630 जवान 70 नौकाओं के साथ राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता भी प्रभावित इलाकों में लगा हुआ है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधन सचिव आऱ क़े महाजन ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए निजी चिकित्सकों को को भी काम पर लगाया जाएगा। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।

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