Wednesday 30 August 2017

वास्तु में ये गलतियां ना हो तो होंगे वारे-न्यारे, सुख-समृद्धि घर में पसरेगी

वास्तु, प्रकृति से मनुष्य के सामंजस्य को बनाये रखने की वह अद्भुत कला है जो दस दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, उत्तर-पूर्व यानी ईशान, दक्षिण पूर्व यानी आग्नेय, दक्षिण- पश्चिम यानी नैऋत्य , उत्तर -पश्चिम यानी वायव्य, आकाश और पाताल) तथा पांच तत्वों (आकाश, वायु, जल, अग्नि एवं पृथ्वी) पर आधारित होती है। किसी भी दिशा या तत्व के असंतुलित अथवा दोषपूर्ण हो जाने से वास्तु नकारात्मक प्रभाव देने लगती है। जिसके कारण उसमें रहने वालों को बहुत सी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में कुछ खास बातों को ध्यान में रखने से घर में बरकत आती है और पैसों की कभी कमी नहीं आती।
जिस तरह से भवन या भूखंड के निर्माण में वास्तु के नियमों का पालन किया जाता है , उसी तरह निर्मित भवन के भीतर भी उपयोग में आने वाले सामान को सही दिशा में रखना आवश्यक है, वरना उसका नकारात्मक असर वहां रहने वालों को प्रभावित करेगा।
ड्रेसिंग टेबल आज के समय में सबसे अधिक उपयोग में आती है। भवन के उत्तर या पूर्व की दिशा इसके लिए उपयुक्त मानी गयी है। परंतु इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि ड्रेसिंग टेबल में लगा आईना सोने के पलंग के ठीक सामने न हो और सोते समय उसमें शरीर का कोई अंग भी दिखाई न देता हो। यदि ऐसा है तो सोने से पहले उस आईने को ढक देना चाहिए अन्यथा पति-पत्नी के रिश्ते तो खराब होंगे ही, बीमारिया भी पीछा नहीं छोड़ेंगी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टीवी, फ्रिज, कंप्यूटर, जनरेटर, ट्रांसफॉर्मर, इन्वर्टर, मिक्सी, विद्युत् मीटर आदि को सदैव दक्षिण पूर्व अथवा दक्षिण दिशा में ही रखना चाहिए।

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