लखनऊ। यूपी विधानसभा के अंदर 12 जुलाई को मिले संदिग्ध पाउडर को विस्फोटक बताने वाले अधिकारी पर गाज गिर सकती है। ज्ञातव्य है कि लखनऊ एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय को निलंबित करने की सिफारिश सरकार को भेज दी गई है। अब सीएम योगी आदित्यनाथ को इस पर फैसला लेना है। 12 जुलाई को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के पास मिले संदिग्ध पाउडर को लखनऊ एफएसएल डायरेक्टर श्याम बिहारी ने खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन बताया था। मामला इतना गंभीर थी कि इसकी जांच एनआईए को सौंपी गई। खुद सीएम आदित्यनाथ ने इस पर बयान दिया और सुरक्षा के लिहाज से कुछ ठोस कदम भी उठाए। बाद में यह रिपोर्ट झूठी निकली।
अब लखनऊ एफएसएल डायरेक्टर श्याम बिहारी पर इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह ने गृह विभाग को श्याम बिहारी के निलंबन की सिफारिश भेजी है। ज्ञातव्य है कि एफएसएल विभाग यूपी पुलिस के टेक्नीकल डिपोर्टमेंट के अधीन आता है। वहीं टेक्नीकल टीम ने अपनी जांच में श्याम बिहारी उपाध्याय पर लापरवाही के आरोप तय किए हैं। डीजीपी की सिफारिश के बाद माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस मामले में फैसला ले सकते हैं।
12 जुलाई को विधानसभा में मिला था संदिग्ध पाउडर:
ज्ञातव्य है कि यूपी विधानसभा में पिछले माह 12 जुलाई को बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के पास संदिग्ध पाउडर मिलने के बाद हडकंप मच गया था। संदिग्ध पाउडर को खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन बताया गया था।
12 जुलाई को विधानसभा में मिला था संदिग्ध पाउडर:
ज्ञातव्य है कि यूपी विधानसभा में पिछले माह 12 जुलाई को बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के पास संदिग्ध पाउडर मिलने के बाद हडकंप मच गया था। संदिग्ध पाउडर को खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन बताया गया था।
मामला गंभीर होने के कारण जांच एनआईए को सौंप दी गई। संदिग्ध पाउडर को जांच के लिए हैदराबाद एफएसएल भेजा गया है। वहीं एनआईए ने पाउडर को जांच के लिए चंडीगढ भेजा है। इससे पहले आगरा फॉरेंसिक लैब में संदिग्ध पाउडर की जांच हुई थी। आगरा फॉरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट में पाउडर के पीईटीएन होने की पुष्टि नहीं हुई।
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