चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता के निधन की न्यायिक जांच की घोषणा को उनकी भतीजी के नेतृत्व वाले मंच एमजीआर अम्मा दीपा पेरवई ने हास्यापद बताया है। एमजीआर अम्मा दीपा पेरवई ने कहा है कि जयललिता के निधन की न्यायिक जांच की सरकार की घोषणा हास्यास्पद है। जे. दीपा के नेतृत्व वाले मंच ने देर गुरुवार एक बयान में कहा, यह एआईएडीएमके के कार्यकर्ताओं को मूर्ख बनाने का प्रयास है। बयान में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में किसी आयोग के स्थान पर केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराए जाने की मांग की।
मंच ने कहा कि जयललिता के निधन के बाद से ही एआईएडीएमके के 1.5 करोड़ कार्यकर्ता उनकी मौत के कारण की जांच कराए जाने की मांग कर रहे थे। बयान के मुताबिक, जेल में बंद एआईएडीएमके की महासचिव वी.के. शशिकला के परिवार को बचाने के लिए मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी जांच आयोग गठित करने के लिए आगे नहीं आए।
बयान में जयललिता के पोएस गार्डन आवास को एक स्मारक में तब्दील करने को निरंकुशता करार देते हुए इसकी निंदा की गई है। कहा गया है कि इसे दिवंगत मुख्यमंत्री के रक्त संबंधियों की मर्जी के बिना किया जा रहा है। दीपा ने कहा कि वह ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगी, क्योंकि जयललिता के आवास पर उनका कानूनी अधिकार है।
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